कम्प्यूटर क्या है ? (What is Computer?):
Computer एक ऐसा Electronic Device है जो User द्वारा दिए गए Input Data की processing करके सूचनाओ को Result के रूप में प्रदान करता है, अर्थात् Computer एक Electronic Machine है जिसका काम “ यूजर के द्वारा इनपुट किये गए डेटा को प्रोसेस करके परिणाम(Result) को आउटपुट के रूप में प्रदान करना है। ”
Computer शब्द की उत्पत्ति इंग्लिश के “COMPUTE” शब्द से हुई है जिसका मतलब है “गणना करना”। मतलब यह बात स्पष्ट है कि Computer का संबंध गणना करने वाले किसी यंत्र से है,वर्तमान में इसका क्षेत्र केवल गणना करने तक सीमित न होकर बहुत विस्तृत हो चुका है। कम्प्यूटर अपनी अधिक संग्रह क्षमता (High Storage Capacity), गति (Speed), शुद्धता (Accuracy), विश्वसनीयता (Reliability), याद रखने की शक्ति के कारण हमारे जीवन के हर क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण होता जा रहा है। Computer द्वारा कम से कम समय में ज्यादा तेज गति से गणनाएं की जा सकती हैं।आजकल विश्व के लगभग सभी क्षेत्रों में Computer का प्रयोग हो रहा है,जैसे – अंतरिक्ष, फिल्म निर्माण, यातायात, उद्योग व्यापर, रेलवे स्टेशन, स्कूल, कॉलेज, एयरपोर्ट, बैंक आदि।
कम्प्यूटर सिस्टम के घटक (Components of Computer System)-
कंप्यूटर सिस्टम को मुख्यत: तीन भागों में बांटा जा सकता है।
1: हार्डवेयर (Hardware)
2: सॉफ्टवेयर (Software)
3: डेटा (Data)
1: हार्डवेयर (Hardware)
कम्प्यूटर का वह भौतिक भाग जिसे हम देख और छू कर महसूस कर सकते हैं, हार्डवेयर कहलाता है। उदाहरण- माउस, की-बोर्ड, मॉनिटर, सीपीयू, प्रिंटर, मदरबोर्ड, प्रोसेसर, स्पीकर, आदि
2: सॉफ्टवेयर (Software)
सॉफ्टवेयर निर्देशों का समूह होता है जो हार्डवेयर को यह बताता है कि क्या करना है और कैसे करना है। सॉफ्टवेयर के उदाहरणों में वेब ब्राउज़र, गेम्स और वर्ड प्रोसेसर आदि शामिल हैं। आपके कंप्यूटर पर जो कुछ भी आप करते हैं वह हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों के द्वारा किया जाता है । इस प्रकार ,हार्डवेयर यदि कम्प्यूटर का शरीर है तो सॉफ्टवेयर उसकी आत्मा।
Software मुख्यत: तीन प्रकार के होते हैं
1: सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software)
यह यूजर और कम्प्यूटर के बीच मध्यस्त का कार्य करता है। उदाहरण- ऑपरेटिंग सिस्टम(विंडोज, लिनक्स), लैंग्वेज ट्रांसलेटर(कंपाइलर, असेंबलर, इंटरप्रेटर)
2: एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software)
ऐसे सॉफ्टवेयर जो किसी कार्य विशेष को करने के लिए बनाए जाते हैं।
उदाहरण- रेलवे आरक्षण के लिए बनाए गए सॉफ्टवेयर, बैंक के काम के लिए बनाए गए सॉफ्टवेयर, वर्ड प्रोसेसर, गेम, पेंट, ब्राउजर।
3: यूटिलिटी सॉफ्टवेयर (Utility Software)
यह वो सॉफ्टवेयर होते हैं,जो कम्प्यूटर की सुरक्षा,स्वास्थ्य या उसकी कार्य प्रणाली को अशुद्धता से दूर रखने के लिए बनाए जाते हैं।
उदाहरण- एंटीवायरस
3: डेटा (Data)
डेटा कच्चे तथ्यों का अव्यवस्थित संकलन है जिससे कोई सार्थक निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता।
डेटा मुख्यत: दो प्रकार का होता है-
1: संख्यात्मक डेटा (Numerical data)
2: चिन्हात्मक डेटा (Alphanumeric data)
सूचना (Information):
सूचना एक व्यवस्थित डेटा है जो प्रयोग करने वालों के लिए उपयोगी होता है,जिससे कोई सार्थक निष्कर्ष निकलता है।
कम्प्यूटर के प्रकार (Types of Computers)-
Desktop Computers:
हम लोग, घर, स्कूल और ऑफिस में डेस्कटॉप कम्प्यूटर का उपयोग करते हैं। डेस्कटॉप कंप्यूटर को डेस्क पर रखा जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है,इसलिए इसको डेस्कटॉप कहते हैं, और वे आमतौर पर कंप्यूटर केस, मॉनीटर, की-बोर्ड और माउस सहित कुछ अलग-अलग हिस्सों से बंटे होते हैं।
Laptop Computers:
दूसरे प्रकार के कंप्यूटर से जिन्हे हम लैपटॉप कम्प्यूटर कहते हैं। लैपटॉप बैटरी संचालित कंप्यूटर हैं जो डेस्कटॉप से अधिक पोर्टेबल हैं, जिससे आप उन्हें कहीं भी ले जा सकते हैं।
Tablet Computers:
टैबलेट कम्प्यूटर वह कम्प्यूटर होते हैं जो लैपटॉप से अधिक पोर्टेबल होते हैं। जिनको चलाने के लिए की-बोर्ड और माउस की जरूरत नहीं होती है, टैबलेट टाइपिंग और नेविगेशन के लिए टच स्क्रीन का उपयोग करते हैं। "आईपैड टैबलेट" टैबलेट कम्प्यूटर का एक उदाहरण है।
Servers:
सर्वर एक कम्प्यूटर होता है जो नेटवर्क पर अन्य कम्प्यूटरों को जानकारी प्रदान करता है।
Features / Characteristics of Computer (कंप्यूटर की विशेषताये)-
Speed (गति):
आप अपने पैरों से चल कर कहीं भी जा सकते हैं पर कहीं पर पैदल जाने में समय अधिक लगेगा और साईकिल, स्कूटर या कार का इस्तेमाल करेंगे तो आप किसी भी कार्य को कम समय में कर सकते हैं।Machine की सहायता से आप कार्य करने की गति बढ़ा सकते हैं, इसी प्रकार Computer भी किसी कार्य को बहुत कम समय में कर सकता है ।Computer कुछ ही सेकंड में गुणा, भाग, जोड़ना, घटाना जैसे लाखो काम कर सकता है ।
Automation (स्वचालन):
हम लोग दैनिक जीवन में कई तरह की स्वचालित मशीनों का प्रयोग करते हैं, कम्प्यूटर भी अपना पूरा काम स्वचालित (Automatic) ढंग से करता है कम्प्यूटर अपना काम, program के एक बार लोड हो जाने पर स्वत: ही करता रहता है।
Accuracy (शुद्धता):
कम्प्यूटर अपना सारा काम बिना किसी गलती के करता है यदि आपको 10 अलग-अलग संख्याओ का गुणा करने के लिए बोला जाए तो आप उसमें कई बार गलती कर सकते हैं। लेकिन साधारणत: कम्प्यूटर किसी भी प्रक्रिया को बिना किसी गलती के कर सकता है। कम्प्यूटर द्वारा गलती किये जाने का सबसे बड़ा कारण गलत डेटा Input करना होता है क्योकि कम्प्यूटर स्वयं कभी कोई गलती नहीं करता है।
Versatility (सार्वभौमिकता):
कम्प्यूटर अपनी सार्वभौमिकता विशेषता के कारण बहुत तेजी से पूरी दुनिया में अपनी जगह बना रहा है, कम्प्यूटर गणितीय कामों को करने के साथ-साथ व्यवसायिक कामों के लिए भी प्रयोग में लाया जा रहा है। कम्प्यूटर का प्रयोग लगभग सभी क्षेत्रों में होने लगा है। जैसे- बैंक, रेलवे,एयरपोर्ट,स्कूल,अस्पताल,आदि।
High Storage Capacity (उच्च संग्रहण क्षमता):
कम्प्यूटर में डेटा Store करने की क्षमता बहुत ज्यादा होती है। कम्प्यूटर करोड़ों शब्दों को बहुत कम जगह में Store करके रख सकता है ,यह सभी प्रकार के डेटा जैसे- Text, Image, Animation, Audio, Video को कई बर्षो तक Store करके रख सकता है तथा आवश्यकता होने पर हम कभी भी किसी भी डेटा को कुछ ही सेकेंड में प्राप्त कर सकते हैं।
Diligence (कर्मठता):
मनुष्य किसी काम को कुछ ही घंटो तक करने में थक जाता है और कम्प्यूटर किसी काम को लगातार कई घंटो, दिनों या महीनों तक करने की क्षमता रखता है इसके बावजूद कम्प्यूटर की काम करने की क्षमता घटती है और न ही कार्य के परिणाम की शुद्धता घटती है। कम्प्यूटर किसी भी काम को बिना किसी भेदभाव के करता है चाहे वह काम रुचिकर हो या न हो।
Reliability (विश्वसनीयता):
कम्प्यूटर की मेमोरी अधिक शक्तिशाली होती है कम्प्यूटर से संबंधित संपूर्ण प्रक्रिया विश्वसनीय होती है यह वर्षों तक काम करते हुए थकता नहीं है और Store Data वर्षों बाद भी accurate रहता है ।